काला-जार (Kala-azar):-
इस रोग लीशमैनिया (Leishmania) नामक प्रोटोजोआ से फैलता है। इस परजीवी का वाहक बालूमक्खी (Sandfly) है। यह मच्छर के काटने से होता है। इसमें रोगी को तेज बुखार आता है।
उपचार :-
इसके बचाव हेतु मच्छरदानी का प्रयोग,आस-पास साफ-सफाई एवं चिकित्सक के दवायें तथा परामर्शानुसार इलाज करना चाहिए।